गोरखधंधाः लखनऊ के बाद कोलकाता से भी नमूना फेल.. पिज्जा में पकड़ा चर्बी का खेल

करीब दो साल पहले डीडीपुरम की ब्रांडेड शॉप से लिया गया पिज्जा का नमूना लैब में हुई जांच में एक बार फिर फेल हो गया है। इस बार भी पिज्जा में जानवर की चर्बी इस्तेमाल करने की पुष्टि हुई है और रिपोर्ट में उसे अनसेफ यानी खाने के योग्य नहीं बताया गया है। इसके साथ बेसन, मसाले, मिठाई और दूध समेत 60 से ज्यादा और नमूने भी फेल हुए हैं। शहर में काफी चर्चित रहे नेपाली तेल को भी मिसब्रांड पाया गया है। एफएसडीए ने सभी मामलों में न्यायालयों में वाद दायर कर दिया है। ब्रांडेड कंपनी के जिस पिज्जा को शाकाहारी समझकर लोग खा रहे थे, वह लैब की जांच फिर फेल हो गया है। पहले लखनऊ और अब कोलकाता की सरकारी लैब में हुई जांच में इस पिज्जा में जानवरों की चर्बी की मिलावट की पुष्टि हुई है। लैब रिपोर्ट में इस पिज्जा को स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित भी बताया गया है। बता दें कि चार अक्तूबर 2018 को एफएसडीए ने त्योहारों के सीजन में अभियान चलाया गया था। इसी दौरान डीडीपुरम से ब्रांडेड पिज्जा के सैंपल लिए गए थे। लैब में इसकी जांच हुई तो नमूना अनसेफ पाए जाने के साथ उसमें जानवर की चर्बी मिली होने की भी पुष्टि हुई। पिज्जा कंपनी के इस रिपोर्ट को चुनौती देने पर रेफरल जांच कराई गई लेकिन इसमें भी पुरानी रिपोर्ट की पुष्टि हुई। एनिमल फैट यानी जानवर की चर्बी की मिलावट पिज्जा बेस यानी डो में पाई गई। हालांकि मुख्यालय में बैठे आला अफसरों ने इस रिपोर्ट दबाए रखा और कोर्ट में मामला दायर करने की अनुमति नहीं दी। यह मामला अखबारों की सुर्खियां बनने के बाद कहीं मुख्यालय ने अनुमति दी। अब एफएसडीए विभाग ने न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में वाद दायर कर दिया है। मिलावट और घटतौली के मामले सामान्य खाद्य उत्पादों में भी पाए गए हैं। होली से पहले चले अभियान में लिए गए नमूनों में से 60 से ज्यादा लैब जांच में अनसेफ, अधोमानक और मिसब्रांड पाए गए हैं। इसमें नेपाल से आयातित रिफाइंड खाद्य तेल भी शामिल है। उत्पादों पर पैकिंग लेबल कुछ होता है तो माल कुछ, ऐसे भ्रामक उत्पादों की बाजार में भरमार है। देसी घी और मावा उत्पादों में गड़बड़ी आम हो गई है। इन पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होने और लैब से समय पर जांच रिपोर्ट नहीं आने से कारोबारी मनमानी कर रहे हैं। इसी वर्ष होेली से पहले एफएसडीए विभाग ने एक गोपनीय सूचना मिलने पर श्यामगंज बाजार क्षेत्र में 22 जनवरी को दो फर्मों लाल एग्रो और अशोक कुमार, सुमित कुमार फर्म पर छापा लगाकर नेपाली तेल के नमूने भरे थे। इसके साथ ही मौके पर पूरा स्टाक सीज किया गया था। नेपाली तेल के नमूने लैब में जांच के लिए भेजे गए थे, जो कि मिसब्रांड पाए गए हैं। इसके बाद एफएसडीए विभाग ने एडीएम सिटी न्यायालय में वाद दायर किया है। चर्चा में रहा नेपाली तेल भी मिसब्रांड, 50 हजार जुर्माना कुछ माह पहले जनवरी में नेपाली खाद्य तेल काफी चर्चा में रहा। व्यापारियों ने इसकी आड़ में खूब धंधा किया। श्यामगंज बाजार में लिए गए सैंपल जांच में मिसब्रांड पाए गए। इसके तहत एडीएम सिटी न्यायालय ने अशोक कुमार, सुमित कुमार फर्म पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। अभी लालचंद एग्रो मामले पर फैसला नहीं हुआ है। विभाग ने जिले भर में विभिन्न स्थानों से नमूने भरे थे। लैब जांच में 60 से ज्यादा बेसन, मसाले, मिर्च, हल्दी, मिठाई, दूध आदि खानपान उत्पादोें में गड़बड़ी मिली है। इनमें कई ब्रांडेड आइटम भी हैं। यह सभी नमूने लैब में फेल हुए हैं। रिपोर्ट में इनको अनसेफ, सब स्टैडर्ड और मिसब्रांड बताया गया है। लैब की रिपोर्ट से मिलावटखोरों में खलबली एफएसडीए लैब में नमूने फेल होने पर मिलावटखोर व्यापारियों में खलबली मची हुई है। क्योंकि स्थानीय बाजार में तैयार पैक और ब्रांडेड बेसन भी लैब में फेल हुआ है। हल्दी-मिर्च पाउडर, दुग्ध उत्पाद में भी गड़बड़ी मिली है। अगले सप्ताह से त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है। मिलावटखोर भी आपदा में अवसर तलाशने में जुट गए हैं। उधर विभागीय टीम भी छापा लगाने को तैयार है। एडीएम सिटी महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मिलावटखोरी के मामले में सख्ती होगी। फेल हुए नमूनों के मामले उनके न्यायालय में आए हैं उन पर अधिक से अधिक दंड लगाया जा रहा है। मिलावटखोरों की पैरवी में जुटे व्यापारी नेता पिज्जा, बेसन, दूध समेत करीब 60 से ज्यादा लैब जांच में फेल होने के बाद उद्योग व्यापार मंडल नेता मिलावटखोरों की पैरवी में जुट गए हैं। कुछ नेता तो अपनी फर्म बताकर अफसरों से गिड़गिड़ाकर जुर्माना और दंडात्मक कार्रवाई कम करने की पैरवी कर रहे हैं। लेकिन मिसब्रांड और सबस्टैंडर्ड पाए जाने पर प्रशासन प्रभावी कार्रवाई करना चाहता है। कथित व्यापारी नेताओं की सिफारिशें नजरअंदाज कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई हो रही।खाद्य वस्तुओं के सैंपल लैब में अद्योमानक और मिसब्रांड पाए पर एफएसडीए ने वाद दायर किए हैं। खानपान साम्रगी से हर कोई जुड़ा है। इसलिए मिलावटखोरों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो रही है। - महेंद्र कुमार सिंह, एडीएम सिटी 14 को आएगी मोबाइल लैबमावा मंडी में दुग्ध उत्पादों की फ्री जांच करने के लिए मुख्यालय से मोबाइल लैब 14 अक्तूबर को पहुंच रही है। जिला अभिहित अधिकारी धर्मराज मिश्रा ने बताया कि कारोबारी अपना नमूनों का परीक्षण कराकर गुणवत्ता और शुद्धता की पुष्टि कर सकते हैं।